सोरायसिस पुरुषों और स्त्रियों दोनों में पाया जाता है। यह संक्रामक नहीं होता है। यह त्वचा का एक दीर्घ कालिक प्रज्ज्वलन है। सोरायसिस की उत्पत्ति के कारण अभी भी अस्पष्ट हैं। (Read Causes of psoriasis ) सोरायसिस किसी भी उम्र में उत्पन्न हो सकता है। आयुर्वेद में सोरायसिस के विभिन्न उपचार बताये गए हैं। सोरायसिस के लिए कुछ आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे यहाँ प्रस्तुत हैं, और ये स्वयं की देखभाल के लिए अत्यंत प्रभावी हैं। (Also Read Ayurvedic Treatment for Psoriasis in Hindi)
सोरायसिस के घरेलू नुस्खे हिंदी में gharelu nuskhe or Upchar or home treatment for psoriasis in hindi
त्वचा को नम रखें:
त्वचा पर प्रचुर मात्रा में मॉइस्चराइज़र लगाएं। स्नान पूर्व शरीर पर नारियल (Read Ayurvedic Uses of Coconut oil ) या तिल का तेल (Read Ayurvedic benefits of sesame seeds ) मलें। आहिस्ता-आहिस्ता त्वचा को चोट पहुंचाएं बिना खुश्क त्वचा के लच्छे को हटा दें। गाढे और चिकने मॉइस्चराइजिंग घटकों का प्रयोग करें। त्वचा को सूखने से बचाएं। रुखी त्वचा (Read Ayurveda Natural Care for Dry skin )में दरारें पड़ जाती हैं जिनसे खून बहने लगता है और यह संक्रमण को जन्म दे सकता है। आयुर्वेदिक ग्रंथों में सोरायसिस के उपचार का वर्णन करते समय, आचार्यों ने रूखी त्वचा की स्थिति को “रूक्षत्व्चा” के रूप में समझाया है। त्वचा की इस स्थिति का उपचार तेल लगा कर किया जाना चाहिए। तेल त्वचा से नमी के वाष्पीकरण को रोकते हैं और इस प्रकार त्वचा में नमी बनी रहती है।
संक्रमण से बचें:
अपने शरीर की त्वचा को साफ रख, त्वचा की स्वच्छता बनाए रखें। सावधानी पूर्वक प्रभावित क्षेत्र को साफ रखें। संक्रमण से सोरायसिस बढ़ या कष्टकारक हो सकता है।
रूखे/कठोर नहाने के साबुन से बचें:
रूखे/कठोर नहाने के साबुन या बॉडी-वाश त्वचा से प्राकृतिक तेल की परत नष्ट कर देते हैं। यह स्थिति त्वचा को खुश्क और संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील बना देती है। प्राकृतिक बॉडी-स्क्रब का उपयोग करें। आयुर्वेद में सोरायसिस के उपचार का यह पहला कदम है। बराबर अनुपात में मसूर की दाल, दाना मेथी, और हरे साबुत मूंग का आटा मिलाएं। आटे के मिश्रण को छान कर एक वायुरोधी पात्र में रख लें। इस मिश्रण के तीन चम्मच पानी में पांच मिनट तक भिगो दें, और फिर साबुन या बॉडी-वाश के स्थान पर इस मिश्रण का बॉडी-स्क्रब की तरह उपयोग करें। जड़ी-बूटियां नीम (Read Neem for Psoriasis and Diabetes )और तुलसी (Read Tulsi For Psoriasis) भी सोरायसिस में मददगार होती हैं। इन जड़ी-बूटियों का महीन चूर्ण उपरोक्त बॉडी-स्क्रब के नुस्खे में जोड़ा जा सकता है। इस के प्रयोग से प्राकृतिक तेल नष्ट नहीं होते और त्वचा साफ-सुथरी और चमकदार बन जाती है। स्नान या त्वचा को धोने के बाद थपथपाते हुए सुखाएं। तौलिया को त्वचा पर जोर से ना रगड़ें। ये सोरायसिस के घरेलू उपचार त्वचा में जलन और दाह को शांत करने में अत्यंत प्रभावी हैं। (Read About Moolika Skinglow Capsules which Has Neem and Tulsi )
त्वचा को क्षतिग्रस्त होने से बचाएँ:
त्वचा की चोटें जैसे खरोंच, धूप में झुलसना, या जलन सोरायसिस को भड़का सकती हैं। कड़ी धूप, त्वचा में जलन उत्पन्न करने वाली वस्तुएं जैसे बालों का रंग (हेयर डाई), स्किन ब्लीच इत्यादि से बचें। कुछ सब्जियां जैसे प्याज (Read Ayurveda Health Benefits of onion), मूली, लहसुन (Garlic Milk for Erectile Dysfunction) आदि को काटने से भी त्वचा को नुकसान पहुँच सकता है। अपने शरीर को सूती कपडों से ढक कर आखें और टोपी पहनें जिसमें धूप से बचने के लिए छज्जा हो। सब्जियों काटते समय लेटेक्स (रबर) के रसोई दस्ताने का प्रयोग करें। त्वचा और बालों के लिए प्रयुक्त कठोर/रूखे उत्पादों से बचें।
ह्युमिडीफायर का उपयोग करें:
यदि आप कमरे में हीटर का उपयोग कर रहे हैं तो ह्युमिडीफायर का उपयोग करना न भूलें। ह्युमिडीफायर (नमीकारक) आसपास की हवा के नमी स्तर में वृद्धि करता है और त्वचा को सूखने से बचाता है।
एयर कंडीशनर के उपयोग को घटाएं:
लगातार ठंडे परिवेश में रहने से त्वचा रुखी हो सकती है, और सोरायसिस को भड़क सकती है। आयुर्वेद में सोरायसिस का उपचार करते समय एयर कंडीशनर के उपयोग की सख्त मनाही है।
दवाओं का प्रयोग सावधानी पूर्वक करें:
कुछ दवाएं सोरायसिस को भड़का सकती हैं। किसी भी दवा को शुरू करने से पहले अपने पारिवारिक चिकित्सक से परामर्श लें।
वजन घटाएं:
मोटापे से ग्रस्त लोगों में सोरायसिस को नियंत्रित करना मुश्किल होता है। इसलिए शरीर का वजन घटाएं।
तनाव मुक्त रहें:
तनाव से सोरायसिस की स्थिति और खराब हो जाती है। तनाव मुक्त रहने के लिए योग और ध्यान का अभ्यास करें। नियमित रूप से व्यायाम करें। आयुर्वेद में सोरायसिस उपचार में मस्तिष्क और शरीर दोनों का उपचार शामिल है।(Read Relationship between stress and psoriasis )
आयुर्वेदिक ग्रंथ सोरायसिस के लिए निम्नलिखित घरेलू उपचारों की सलाह देते हैं ayurvedic home remedies and treatment in hindi
प्राकृतिक वेगों जैसे उल्टी, पेशाब, दस्त आदि को न रोकें।
कठोर व्यायाम, यात्रा, लंबी सैर इत्यादि के तुरंत बाद ठंडे पानी से स्नान न करें